देवी दत्त पन्त (Devi Dutt Pant)
(माताः स्व. भागीरथी देवी, पिताः स्व. लक्ष्मी दत्त पन्त)
जन्मतिथि : 14 अगस्त 1919
जन्म स्थान : देवराड़ी पन्त
पैतृक गाँव : देवराड़ी पन्त जिला : पिथौरागढ़
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र, 4 पुत्रियाँ
शिक्षा : डी.एससी.
प्राथमिक शिक्षा- देवराड़ी पन्त
मिडिल- कांडा (बागेश्वर)
हाईस्कूल/इण्टर- राजकीय इण्टर कालेज अल्मोड़ा
बी.एससी./एम.एससी. (भौतिकी)- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
डी.एससी.- बी.एच.यू. व आई.आई.एस.सी. बंगलौर (सर सी.वी. रमन के निर्देशन में)
पोस्ट डाक्टोरल रिसर्च- एन.आर.सी. ओटावा (कनाडा) में नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक प्रो. हर्जबर्ग के साथ शोधकार्य किया। अमेरिका में एक अन्य नोबेल विजेता प्रो. माइकल कासा के निर्देशन में भी कार्य किया।
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः 1977 में जब राज्यपाल के अनावश्यक हस्तक्षेप के विरोध में कुमाऊँ वि.वि. के कुलपति पद से त्यागपत्र दिया। समाचार पत्रों में इस घटना की चर्चा होने पर राज्यपाल को अपना निर्णय बदलना पड़ा। कार्यकाल की समाप्ति के उपरान्त उत्तराखण्ड क्रांति दल के गठन में भागीदारी की और इसके प्रथम अध्यक्ष का पद संभाला। 1980 में पिथौरागढ़-अल्मोड़ा सीट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और जमानत जब्त। तत्पश्चात राजनीति से पुनः वैज्ञानिकशोध क्षेत्र में वापसी।
प्रमुख उपलब्धियाँ : आगरा कालेज, आगरा में भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता पद से शिक्षण कार्य प्रारम्भ। बी.आर. कालेज आगरा में प्रोफेसर। डी.एस.बी. कालेज नैनीताल में प्रोफेसर/प्रधानाचार्य। शिक्षा निदेशक उ.प्र। डीन, कॉलेज आफ बेसिक साइंसेज, पंतनगर कृषि वि.वि.। संस्थापक कुलपति कुमाऊँ वि.वि.। 1998 तक एमेरिटस प्रोफेसर, कुमाऊँ वि.वि.। 1969 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से शैक्षणिक अनुभवों हेतु अमेरिका यात्रा, 1982 तथा 1984 में राकविले में फोगेटी विजिटिंग फेलो। वि.अ.आ. के अतिरिक्त उ.प्र. सरकार, भारत सरकार, एन.सी.ई.आर.टी. आदि के लिए विज्ञान शिक्षा हेतु अनेक अभिनव प्रयोग व सहयोग। डी.एस.बी. कॉलेज में प्रकाश भौतिकी प्रयोगशाला की स्थापना; यूरेनाइल साल्ट्स पर अपने शोधछात्र डी.पी. खण्डेलवाल के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित शोधकार्य किया। सम्पूर्ण शैक्षिक जीवन में 21 छात्रों का शोध निर्देशन किया; इनमें से अधिकांशतर छात्र कालांतर में दुनिया की महत्वपूर्ण प्रयोगशालाओं में उच्च पदों पर आसीन हुए। अंतर्राष्ट्रीय शोधपत्रिकाओं में 200 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित। फुलब्राइट फैलोशिप (अमेरिका)। आगरा वि.वि. का विशेष शोधपुरस्कार। रमन सेन्टेनरी इंटरनेशनल गोल्ड मेडल। आसुंदी सेन्टेनरी इंटरनेशनल अवार्ड। सिग्मा साई (अमेरिका) तथा भारतीय विज्ञान अकादमी के फेलो।
युवाओं के नाम संदेशः अपने जीवन में ईमानदारी बनाए रखें।
विशेषज्ञता : भौतिकी, विकास, दर्शन।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।
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